Sunday, May 3, 2009

राजेश उत्‍साही की ग़ज़लें

वो जब भी मुस्‍कराया है देखकर मुझको
शख्सियत का अपनी नया मायना देखा


अपनी एक ग़ज़ल का यह शेर मुझे हमेशा से बहुत पसंद रहा है। आज मैंने इसमें एक परिवर्तन किया है। पहली लाइन का पहला शब्‍द पहले कोई था, मैंने उसे अब वो कर दिया है। तो 2000 के आसपास की ये दो ग़ज़लें और प्रस्‍तुत हैं। आज इन्‍हें फिर से पढ़ा, कहीं-कहीं कुछ बदला भी है। पिछले हफ्ते ग़ज़ल के एक ब्‍लाग को भी इन्‍हें भेजा था। पर वहां से न तो खत आया न ही खता बताई ।

।। एक।।

सब कहते हैं गजब की जान रखते हो
बहरों की बस्‍ती में इक जुबान रखते हो

धीमे स्‍वर में कहूं या तेज आवाज़ में
सबको पता है तुम क्‍या स्‍थान रखते हो

जो खताएं हों तुम्‍हारी तो हज़ारों माफ
हमारी एक पे, सर आसमान रखते हो

मुदृदत से दबे कुचले हुए थे हम यहां
उठे, तो पूछते हैं क्‍यों तूफान रखते हो

तुम्‍हारा वजूद है, हमारे खून से,पसीने से
जान पड़ता नहीं, हमारा ध्‍यान रखते हो

सहने के दिन गए, न धीरज रखा जाएगा
सम्‍हालो तिजोरी, जहां अपने प्रान रखते हो

अभिव्‍यक्ति की कलम में सच्‍चाई की मार है
पता है कि तुम तलवार-ए-म्‍यान रखते हो

उत्‍साही है जमाने में,याद जमाने को रहेगा
लाख बरबादी के क्‍यों न अरमान रखते हो

*राजेश उत्‍साही


।।दो।।
बारिश की सड़कों पर आईना देखा
पथराई-सी आंख में आईना देखा

भीड़ में खोजते रहे अक्‍स जिसका
पाया जो तन्‍हा,माथे पे पसीना देखा

जो आया,जाएगा इक तयशुदा दिन
इससे अलहदा चलन अभी ना देखा

मौसम बदलते हैं,बदलती हैं अदाएं
दौर आतंक का बारह महीना देखा

जब भी हुआ,करीबे-मंजिल का गुमां
किनारे पे डूबता अपना सफीना देखा

मस्जिद-मंदिर से नहीं रहे बावस्‍ता
प्‍यार के हरफों में काशी-मदीना देखा

वो जब भी मुस्‍कराया है देखकर मुझको
शख्सियत का अपनी नया मायना देखा

*राजेश उत्‍साही

1 comment:

  1. राजेश जी
    ये शेर ख़ास पसंद आये

    सब कहते हैं गजब की जान रखते हो
    बहरों की बस्‍ती में इक जुबान रखते हो

    जो आया,जाएगा इक तयशुदा दिन
    इससे अलहदा चलन अभी ना देखा

    वो जब भी मुस्‍कराया है देखकर मुझको
    शख्सियत का अपनी नया मायना देखा


    राजेश जी आपने दूसरी गजल के मतला में मिश्रा उल और मिश्रा सानी दोनों में (आईना देखा)
    को लिया है तो यह तो आपका रदीफ़ हुआ और अन्य शेर में काफिया (ना )का इस्तेमाल किया है जैसे (पसीना देखा, अभी ना देखा, सफीना देखा)
    काफिया निर्वहन कैसे किया आपने

    अभी मैं इन बारीकियों को सीख रहा हूँ इस लिए पूछा है (अन्यथा मत लीजियेगा)

    आपका वीनस केसरी

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